Saturday, September 22, 2018

कामयाबी



कामयाबी

कामयाबी मुझसे रूठ गयी,
जाने कहा कितने दूर गयी,
आया था एक नए शहर मे मैं,
नयी घड़ी नए दोपहर में मैं,
सोचा है ये की बनाउगा एक मुकाम,
इसे पूरा करने तक कहा नींद कहा आराम,

पर जल्द ही इस शहर ने मुझे ठुकरा दिया,
सपनो को बिखेर कर मेरे,
मुझे मुंह के बल मुझे गिरा दिया,
दर - बदर भटकने लगा खानाब्दोष की तरह
कभी फिरा होश में तो कभी बेहोश की तरह
इस कदर नाकारा लोगो ने की मैं खुद की काबिलियत भी भूल गया
कुछ लोग बुरे भी होते हैं ये उस दिन मुझे एहसास हुआ

इन्ही नाकामयाबी के पलो मे कोई मुझे अपना भी लगा
पढ़ कर चेहरे को मेरे, उसने मेरा ग़म साझा किया
नज़र से नज़र मिली तो बात हुई
हमारे इश्क़ की भी शुरुआत हुई
पाकर खुश थे हम एक दूसरे को पर किस्मत को ये मंजूर ना था
मेरी नाकामयाबी ने मेरे इश्क़ का मजाक बना दिया था

लगा जैसे कि मोहब्बत कामायाबी के आगे कुछ भी नहीं
जो कामयाब नहीं उसकी कोई मोहब्बत ही नहीं
नाकामयाबी ने मेरी, मेरी मोहब्बत का मजाक बना दिया
छीन कर मेरी मोहब्बत मुझसे, किसी और के नाम कर दिया
इस दिन से पहले नाकामयाबी का इतना कभी ग़म   हुआ
हो सके वो मेरे इस ग़म मे मैं सारी रात रोया,
सारे नाकामयाबी के साल एक तरफ़
सरेआम मोहब्बत हुई मजाक एक तरफ

कुछ समझ ना आया तो मैंने मौत को गले लगाने का सोचा
जिंदगी की किताब से अपने नाम का पन्ना मिटाने का सोचा
बेरहम ज़िन्दगी को मुझ पर रेहम गया
बकश कर जान मेरी मुझे एक और मौका दिया
चेहरा मुरझा गया दाढ़ी और बाल मेरे बिखरे है
जो हो मुझ को जानते ऐसे इस शहर में कितने है
कोई संघी नहीं कोई साथी नहीं
मैं राही रस्तो का मुझे मंज़िल कोई हासिल नहीं

एक अर्सा हो गया भर पेट खाना खाए हुए
चल रहा हू बस नींदे उड़ाए हुए
हैं नहीं यहां गोद माँ की तो पेड़ो के नीचे सो जाता हूँ
स्वाद नहीं जिस खाने का उसे भी चाव से खाता हू
बाप के जूते गए पैरो मे पर बाप का बोझ बाट सका
बदनसीब हु इतना जो जीते जी माँ बाप को अपनी कामयाबी दिखा सका
छोड़ दिया है उन्होने भी साथ मेरा
आसमान के तारो बना लिया है अपना बसेरा

रेहमत हुई उस खुदा की जो मुझ पर उसे तरस गया
कोई आया बनकर नायक जिसे मेरा काम भा गया
आख़िर किसी ने तो मेरी कदर की
खिस्की जमीन मेरे पैरो की लौटा दी
ज़िन्दगी देर से ही सही पर एक मौका जरूर देती है
मेहनत जो करने लगो तुम तो साथ किस्मत भी देती है
चाहे काटे हो साल कई नाकामयाबी के
पर एक एक दिन कामयाबी हासिल जरूर होती है.
कामयाबी हासिल जरूर होती है. 
Written by Roy
Heart Says

4 comments:

  1. Bhai , sab sahi , padhkr bhi achaa laga mujhe Tera blog , kuch chize sabhi ki life me similar hoti , kuch saal nakamiyabi ke baad hi , kamiyabi tumhe sunti hai 😅🤗 , bas tu Hindi sudhar apni thodi si😅 baaki sab badiyaa hai 👌

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  2. shi kaha ..... kitni bhi mushkil ayen ... ek na ek din kamyabi jarur milti hai ...

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  3. It's true never give up bcoz every dark night morning comes 😇🌞🔆🌃➡️🌄

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