Saturday, December 8, 2018

हस्पताल

हस्पताल
यूँ मैंने हस्पताल देखा है
किसी के चेहरे पर खुशी तो
किसी के चेहरे को उदास देखा है

यूँ मैंने हस्पताल देखा है
कही इंजेक्शन की सुईयों को
तो कही दवाइयों का पहाड़ देखा हैं

यूँ मैंने हस्पताल देखा है
कही खून के धब्बे
तो कही ज़ख़्मी इंसान देखा है

यूँ मैंने हस्पताल देखा है
कभी डॉक्टर में
तो कभी दुआओं में भगवान् देखा है

यूँ मैंने हस्पताल देखा है
कभी किसी के जाने पर आँसू
तो कभी आता नया मेहमान देखा है

यूँ मैंने हस्पताल देखा है
एक रात में आते कई
एक सुबह में जाते देखा है
आते वक़्त बस गम और
जाने पर खुशनुमा माहौल देखा हैं

यूँ मैंने हस्पताल देखा है
बस रहे स्वस्थ सभी हमेशा
यही एक ख्वाब देखा हैं.

Written by
Roy.

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