Friday, February 1, 2019

भीगी भीगी सी वो लड़की

भीगी भीगी सी वो लड़की
देखने मे बड़ी खूबसूरत लगती है,
बारिश मे मेरा हाथ पकड़ कर
बाहर की और खीचती है,
अपनी घर की छत पर मेरे साथ चड़ती हैं,
बारिश की बूंदो मे बेधड़क नाचती है,
मेरे सीने से लगकर मेरी आँखों को पढ़ती है,

भीगी भीगी सी वो लड़की
बारिश मे कितनी खूबसूरत लगती है,
उसकी भीगी हुई लाल चुन्नी
उसकी कमर से चिपकी सी लगती है,
उसकी काली लट चहरे पर बेफिक्री से बिखरती है,

भीगी भीगी सी वो लड़की
मेरे शर्ट को अपना रुमाल बना लेती है,
खुद भीगी है पर मेरे बालो को
अपने दामन से सुखाती है,
उसकी भीगी आँखे बूंदो को
एक एक कर तापकती है,
जब मेरी ओर वो ऐसे देखती है
तो बस मेरी साँसे रुक जाती है,

भीगी भीगी सी वो लड़की
मुझे अपने साथ नाचने को कहती हैं,
यूँ तो नाचना नही आता मुझे
पर वो मुझे सिखाती है,
बारिश की बूंदो को उसके साथ
महसूस करवती है,

भीगी भीगी सी वो लड़की
मेरी सफेद कमीज को लाल बनाती है,
उसकी लाल सूट भी तो अब फीकी हो जाती है,
जूलफ़े उसकी अब मेरे चहरे पर बिखर जाती है,
चारो ओर बस एक खामोशी ही रह जाती है,

भीगी भीगी सी वो लड़की
इन ठंडी बूंदो को
आग सा महसूस कराती है,
उसके रुकसार को छूने से पहले
मेरे हाथों मे कप-कपी बढ़ जाती है,

बातो का खेल खत्म हो जाता है,
रंग दोनों का एक हो जाता है,
बस आंखो की पलकों से टपकती
बारिश की बूंदे दिख रही है,
हम दोनों को एक दूसरे की
धड़कन महसूस हो रही है,

जब एक ही बूँद तुम्हें और मुझे छूती है,
मानो जैसे धड़कन गायब सी होती है,
तुम्हारी बंद आँखे भी मुझसे बहुत कुछ कहती है,
और कुछ तो इस असमान की साज़िश लगती है,

भीगी भीगी सी वो लड़की
पहली बारिश को यूँ यादगार बनाती है,
शाम होने को है आयी
अब घर की ओर कदम बढ़ाती है,
उसकी लाल नाक देखकर जो हूँ हसता
तो उसे भी मेरे कान देख हंसी आती है,

यूँ बारिश का मैं शुक्रिया अदा करता हूं,
तुझे देख खुश मैं भी खुश होता हूँ,
तू साथ होती है तो गमों से लड़ लेता हूँ,
तुझसे दूर होकर हजार दफा रोता हूँ,

कोई कहे बारिश के फायदे कई
कोई इन्ही बूंदो का सौदा भी करता है,
कोई मुझसे पूछे जो बारिश की वजह तो
बस तेरा नाम मेरी जबान पर होता है,

भीगी भीगी सी वो लड़की

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