एक औरत
एक उम्र कम होती है
किसी औरत को समझने को,
जीती कम है अपने लिए
जीना सीखा देती है औरो को,
अपने दर्द की शिकायत कम करती है,
दर्द औरो का बखूबी समझती है,
औरत अपने लिये तो ज़रा कम पर
अपनो के लिए ज़रा ज्यादा ज़ीती है |
पैसो का हिसाब भी रखती है,
ज़स्बातो का ध्यान भी रखती है,
गमों में भी हमेशा खुश दिखती हैं ,
गुस्से में भी वो ज़रा मुस्कुरा देती है |
दर्द को बर्दाश्त भी कर लेती है,
जरूरत पर आवाज़ भी उठाती है,
गलत को सह नहीं पाती है,
गलतियों की जिम्मेदारी खुद वो उठाती है,
जिम्मेदारियों का एहसास वो कराती है,
टूटी-फूटी जगह को भी स्वर्ग सा सजाती है,
अपनी तारीफ़ सुन खुश हो जाती है,
पर खुद से अपनी उम्र कम ही बताती हैं |
छोटी छोटी चीज़ों मे खुशी ढूंढ लेती है,
सिर्फ बातों से अपना पेट भर लेती है,
कमियाँ सबकी जानती है पर वो
किसी को कभी नीचा नहीं होने देती है |
बस कुछ पल ही अपने नाम करती है,
वक़्त निकाल अपना शृंगार करती है,
आइने को अपना दोस्त कहती हैं,
बस उस पल ही वो अपने लिए जीती है |
अपनो के साथ दिल खोल कर जीती है
अपनो के लिए अपने सपनो को मार लेती है,
उसे बोझ समझने की गलती न करो तुम
तुम्हें क्या पता कि वो कितनी कीमती है |
गलतियां जानकर भी अनदेखा कर देती है,
कभी खुशी की तो
कभी चिंता की वजह वो होती है,
कभी सहारा देती है तो
कभी चीज़ों को आसान कर देती है |
एक माँ, एक बहन, एक पत्नी, एक दोस्त,
सभी किरदारों को अपने जीवन मे निभाती है,
सिर्फ शब्दो मे कह पाना कि वो क्या है?
ये किसी के लिए कभी नहीं काफी है |
By Heart Says
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