Tuesday, April 23, 2019

हाँ मैं समझता हूँ तुम्हारी मोहब्बत को

हाँ मैं समझता हूँ तुम्हारी मोहब्बत को

हाँ मैं समझता हूँ तुम्हारी मोहब्बत को
एक कागज़ का टुकड़ा हूँ मैं और तुम
एक बहता हुआ सा झरना हो,

हाँ मैं समझता हूँ तुम्हारी मोहब्बत को
रात की नींद उड़ा कर मेरे जवाब का इंतज़ार करती हो,
मेरे बारे मे सोचते सोचते रात को दिन और दिन को रात करती हो,

हाँ मैं समझता हूँ तुम्हारी मोहब्बत को
की खुद से पहले तुम मेरा ख्याल करती हो,
औरों की कोई परवा नहीं तुम्हें पर मेरी हर बात को
बार बार याद करती हो,

हाँ मैं समझता हूँ तुम्हारी मोहब्बत को
की तुम बस स्टैंड पर बस न आने का बहाना कर मेरा इंतजार करती हो,
मुझसे कुछ पल बात करने के लिए धूप भरी दोपहरी मे अपने बालो को सफेद और चेहरे को लाल करती हो,

हाँ मैं समझता हूँ तुम्हारी मोहब्बत को
की कैसे तुम अपने घर से जल्दी निकलने के लिए सबसे पहले उठ कर सारा काम करती हो,
वक़्त हो या न हो पर मेरे लिये वक़्त निकाल ही लेती हो,

हाँ मैं समझता हूँ तुम्हारी मोहब्बत को
घर late जाने पर अपने पापा से डांट खाती हो,
मेरे संग चलकर आए पैरो के छालो को मम्मी से छुपाती हो,
अपनें भाई को मेरे बारे मे सब अच्छा बताती हो,
अपनी बहन को हर दिन की सारी बात खुल कर बताती हो,

हाँ मैं समझता हूँ तुम्हारी मोहब्बत को
तुम्हें चॉकलेट बहूत पसंद है पर मेरे पर्स को खाली देख अपनी पसंद बदल देती हो,
चॉकलेट को छोड़ सिर्फ बंटा पी कर खुश हो जाती हो,
जब पैसे होते हैं तो फिजूल खर्च करने से रोकती हो,

हाँ मैं समझता हूँ तुम्हारी मोहब्बत को
तुम मेरे लिये औरों से लड़ती हो,
मेरे खिलाफ कुछ भी नहीं सुन सकती हो,
बाकी लड़कियों को मुझसे दूर रखती हो,
मुझे किसी के साथ बाटना नहीं चाहती हो,

हाँ मैं समझता हूँ तुम्हारी मोहब्बत को
मेरी जरूरत मे मेरे बैग मे चुपके से पैसे रख देती हो,
तुम्हारी जरूरत मे जब मैं पैसे देता हूँ तो मना करती हो,
मेरे हाथ पर घड़ी देखना अपने हाथो मे चूड़ियाँ देखने से ज्यादा पसंद करती हो,

हाँ मैं समझता हूँ तुम्हारी मोहब्बत को
की वो sandal जो मैंने तुम्हें दी थी वो तुम्हारे पैरो के लिये छोटी है पर फिर भी उसे ही पहन कर आती हो,
मेरे लिये सारी शॉपिंग खुद ही करती हो,

आज देने को सब है पर तुम नहीं हो
आज कहने को बहुत कुछ है पर तुम नहीं हो,
शायद जब हम साथ थे तब मुझे ये सब कह देना था
मुझे tie आज भी नहीं बांधनी आती
मुझे आज भी कुत्तो से डर लगता है
मगर शायद तुम जिस दुनिया मे हो
वहाँ से आ नहीं सकती और जब मैं तुम्हारी दुनिया में आऊंगा तो इन सब चीज़ों की जरूरत नहीं होगी
लगता है खुदा से फिर मांग लू तुम्हें मैं
मगर वो भी मुमकिन नहीं है

काश मैंने ये तुम्हें तब कहा होता
हाँ मैं समझता हूँ तुम्हारी मोहब्बत को
हाँ मैं समझता हूँ तुम्हारी मोहब्बत को

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