Tuesday, August 24, 2021

खुदख़ुशी

खुदख़ुशी 

ज़िन्दगी भी किस
 मुकाम पर ले आई है,
छीन गयी मेरी सारी ख़ुशी 
बची सिर्फ तन्हाई है ,
मैं जीना तो चाहता हूँ मगर 
चारों तरफ मौत ही नज़र आई है |

मेरे अपनों में भी मैंने
गैरो की शकल पायी है,
छूट गया हाथों से सब
मानो जैसे खुशियों की विदाई है,
और दर्द में ये दिल रोता है ,
यह ऑंखे हर रात भर आयी है |

मैं नहीं दे पाया किसी को ख़ुशी 
इसलिए खुदख़ुशी करना चाहता हूँ ,
मैं एक बार हमेशा के लिए सो के 
अपनी एक नयी सुबह चाहता हूँ,
कोई कहे कायर मुझे मगर 
मैं बस इस सीने का दर्द 
खत्म करना चाहता हूँ |

बहुत जी लिए झूठी तसल्ली देकर खुद को 
अब अपनी आखरी तारीख चाहता हूँ ,
मुझे लोगो की परवा नहीं मैं बस 
आज़ाद होना चाहता हूँ |

हर दिन आंसुओं को छिपाना और 
अपनी पीठ खुद ही थपथपाना
अब और नहीं होता है ,
कोई ऐसा नहीं जो समझ सके
कि इस हस्ते चेहरे के पीछे
दिल मेरा कितना रोता है |

माँ बाप छूटे, प्यार छूटा,
मेरा कामयाबी का
सपना भी  टुटा |

हर तरफ रेत है और 
इनमे ही मुझे बसना है ,
बहुत हस लिए झूठी हंसी
अब और नहीं हसना है |

मेरी ज़रूरत में कोई साथ नहीं ,
मैंने जो माँगा वो हाथ नहीं,
कोई अपना अब मेरे पास नहीं ,
Life Philosophy के नाम पर 
अब कोई बकवास नहीं |

दोस्तों मुझे माफ़ करना 
कुछ 'Road Trip' 
अधूरी छोर्ड जा रहा हूँ,
कुछ तुमसे किये वादे 
तोड़ जा रहा हूँ,
मैं अपने हस्ते हुए चेहरे का अब
मुखौटा उतरने जा रहा हूँ |

मेरी मौत पर मेरी मोहब्बत को
 ये पैग़ाम देना ,
अधूरी मोहबत का उसे नहीं तुम
मुझे इल्ज़ाम देना |

वो रोती है आज भी मेरे लिए और 
मेरी कब्र देख कर भी रोएगी ,
दुनिया नहीं मगर वो जानती है की 
मेरे न होने पर वो क्या खोयेगी |

मेरी मौत के बाद मेरी शोना
तुम खुद को मत कोसना ,
जब मेरी याद आये तो 
मेरे संग बिताए 
लम्हों के बारे में सोचना |

सबसे अलग थे हम और
सबसे अलग हमारी जोड़ी है ,
बाबू तुम फ़िक्र मत करो 
कुछ मोहब्बत अधूरी होकर भी पूरी है |

इस ज़िन्दगी में नहीं हो पाया कामयाब
अगली में नयी शुरुआत करूँगा ,
माफ़ करना मेरी मौत पर रोने वालो 
अब फिर कभी न तुम्हे परेशान करूँगा |

बड़ा अजीब होता है इंसान
अजीब नाम और 
अजीब ही रिश्ते बनाता है ,
तभी यहाँ खुद की जान लेना भी
 खुदख़ुशी कहलाता है |

Monday, June 14, 2021

कोई ऐसा ढूँढना मेरे लिए (Part -I)

कोई ऐसा ढूँढना मेरे लिए

थोड़ी बातें आपसे करना चाहती हूँ,
मैं शादी का असली मतलब 
आपसे पूछना चाहती हूँ

जानती हूँ यूँ ही नहीं जोड़ोगे 
किसी का नाम, मेरे नाम से
देख परख के ही जोड़ोगे मुझे 
आम नहीं किसी खास से

किसी की दौलत देख 
उसके साथ मत बांधना मुझे,
उसके पैसे के घमंड से
सर झुकाना न पड़े मुझे,

किसी का पैसा उसे अच्छा नहीं बनाता ,
किसी की असलियत को 
कुछ पल में नहीं भापा जाता,
लोग झूठा दिखावा कर ही लेते हैं,
उस से उनका किरदार नहीं परखा जाता |

किसी बड़े खानदान में न देना मुझे ,
चुगलियां करने वाले खुश न रहने देंगे मुझे |
 
इंसान को पहचाने के लिए 
कुछ दिन नहीं कुछ मुसीबते दो,
वो कितनी मुसीबतों को 
हल कर पाया है ये जरूर देखो |

मुझे जेवर दे या न दे मगर 
जो मेरी इज़्ज़त हर पल करे,
कोई ऐसा ढूँढना मेरे लिए

सबके सामने सभी इज़्ज़त कर लेते है,
जो बंद कमरे में भी 
बिना मर्ज़ी के मुझे न छुए ,
कोई ऐसा ढूँढना मेरे लिए

अपनी झूठी शान में 
मेरी इज़्ज़त करना न भूले ,
वो बोले तो मैं सुनु और 
मैं बोलूँ तो वो सुने |

जो अपनी मर्दांनगी को सबित करने के लिए 
मुझ पर नमर्द बन के हाथ न उठाये,
ग़लती अपनी होने पर चुपचाप 
अपना सर झुका के मान जाये |

मेरे बालो को एक बार प्यार से छुए
या न छुए मगर उन्हे पकड़कर
घसीटने की कभी ना सोचे |
मेरे लेट होने या किसी से
बात करने पर बार बार वो न पुछे,

जो मुझसे जयदा दुनिया की 
बातों पर यकीन न करे
मेरी पहले सुने फिर मेरे लिए 
दुनिया को जवाब दिया करे

सबके सामने चिल्ला कर न बोले
सबके चले जाने पर कुड़ी बंद कर
अपने दोनो हाथो का वजन मुझे पर न तोले

मैं खाना न जो बना पाउ तो
उठ कर मेरी चुड़ियां न तोड़े
मेरी कही बातो पर मुझसे चिढ़कर 
गुस्से में घर को न छोड़ो
अपने गुस्से में घर के और
समानो को वो न तोड़े,
जो मुझे रोता देख कर
चादर ओढ़ कर न सोए
 

Wednesday, May 5, 2021

दहेज़...

दहेज़

 दहेज लेने वालों की
रीढ़ (रीढ़ की हड्डी)में जान नहीं होती,
 दहेज लेकर शादी करने में 
कोई शान नहीं होती |

यह वह लोग हैं जो आधी उम्र 
अपने बाप के नाम से जाने जाते हैं ,
और एक पोस्ट या नौकरी पाकर
 ये इतना इतराते है |

लड़की के बाप की मेहनत को धुल समझते है ,
उसके दिए दहेज़ को ये अपनी 
पढ़ाई के खर्चे का मूल (मूलधन) समझते है,

अरे माँ के पलु से बंधे रहते है और 
ससुर के खर्चो पर आधी उम्र पालते है,
'तू लायी ही क्या है अपने घर से ?'
बात-बात पर ऐसे ताने कसते है,

घर से बहार निकल जाये 
तो सर झुक जाता है इनका ,
रात को पास न सो इनके तो 
मुँह उतर जाता है इनका |

पिता के इज़्ज़त और माँ के मोह के लिए
लड़की सब कुछ सह जाती है ,
इस नए घर में किसे बातये वो 
दुःख अपना, ये समझ नहीं पाती है |

'तुम नौकरी नहीं करोगी | ' 
ये ही इनका नारा होता है,
पत्नी इनसे आगे बढ़ने लगे तो 
ये इनको न गवारा होता है |

अरे घर में शेर और सड़को पर 
नमस्ते करते हुए चलते है ,
कोई बात बुरी लगने पर बस 
मायके भेजने की धमकी देते है |

दिन भर कोसते है,गाली देते है, 
और कई एहसान गिनाते है,
रात में पास बुलाने के लिए ही
जुबान से शहद टपकाते है |

अरे तुम थे क्या और कौन थे ये तो सबने देखा है ,
तुमसे अच्छे-अच्छे आज भी है उसके प्यार में मगर
उसके पापा ने उसे एक तुमसे निभाने को कह रखा है |

अरे तुम्हे एक लड़की तक नहीं पूछती 
पूछता तो बस कोई अंजान है ,
उन्हें क्या पता शरीफ़ दिखने वाले 
ये लोग अंदर से कितने बेईमान है |

तो क्या 'अरेंज मैरिज' है ये या सिर्फ एक सौदा है ,
एक बाप ने किसी की दौलत से धोखा खाकर
अपनी ही बेटी की खुशियों का गला घोंटा है |

अरे बड़े लोगो अब तो अपनी 
आँखों से दौलत का पर्दा हटाओ,
रिश्ता कुंडली मिलने से ज्यादा 
सोच के मिलने से चलता है ,
ये बात अब तो समझ जाओ |

By 
Roy

Sunday, August 4, 2019

दोस्ती

दोस्ती

रोजी रोटी की भाग दौड़ में हम ये भूल गए,
कुछ पक्के यार-दोस्त शायद पीछे छुठ गए |
न रूठे है एक-दूजे से न ही कोई बैर हैं,
बात अब होती नहीं बस वक़्त का फ़ेर है |

हर किसी की जिंदगी में एक पल ऐसा आता है,
जब सब साथ छोड़ जाते हैं तब,
सिर्फ एक सच्चा दोस्त ही याद आता है |

लाख मज़ाक उड़ाये आपका मगर,
वक़्त आने पर साथ जरूर देता है |
भले ही कभी न दिखाये मगर,
आपकी याद में एक बार तो जरूर रोता है |

दोस्त वो इंसान होता है जो आपकी खुशी में खुश,
और आपकी तकलीफ मे उदास होता है |
कभी परेशान करता है कभी बहस करता है,
आपके सामने नहीं मगर आपके पीछे,
आपकी दिल से बहुत इज्ज़त करता है |

दोस्त वो होता है जो हर शरारत मे
आपका साथ देता है,
पकड़े जाने पर आधी-आधी पिटाई
बाँट लेता है,
टिफिन से खाना चुराकर खाता है,
कभी पकड़े जाने पर
सबसे पहले आपका नाम लगाता है |

मगर हम बड़े क्या हुए अपने दोस्तों से बिछड़ने लगे,
दोस्त एक-एक कर हाथ से फिसलने लगे,
हालात अब तक सबके बदलने लगे,
मिलने और बात करने के लिए अब हम तरसने लगे |

वो बचपन की शरारतें और जवानी की यादे
याद कर लेते हैं,
एक दूसरे को Birthday या त्यौहारो पर जाकर मिल लेते हैं,
Facebook या Instagram पर tag कर लेते हैं,
फासले होते होते इतने हो गए
न जाने हम कब 'तू' से 'तुम' और 'तुम' से 'आप' हो गए |

रोज ख्याल करते हैं और रोज याद करते है,
मगर बात करने को मुहुर्त का इंतज़ार करते हैं,
जो घर से चलते ही मिलते थे वो दोस्त
न जाने अब किस दुनिया में बसते हैं,
जो मिलते हैं वो दोस्ती के किस्से नहीं
सिर्फ अपनी कामयाबी कहते हैं |

अब किसी को याद ही नहीं कि हम
दोस्ती की कसमें खाते थे,
दोस्ती के नए हो या पुराने गीत गाते थे,
हर खुशी को साथ में मिलकर मनाते थे,
और हर ग़म में बराबर आँसू बहाते थे |

बस इतनी सी जिंदगी की बात है,
दोस्त के साथ जिंदगी आसान
बिन दोस्तों के जीना बर्बाद है |

Written by
Roy

Tuesday, July 23, 2019

ए जिंदगी देख मेरी हिम्मत तू




ए जिंदगी देख मेरी हिम्मत तू
देख मेरा अब हौसला तू
हार कर भी मैं हारा नहीं,
रास्ता अपना बदला नहीं,
मैं अब भी हूँ कामयाबी की इस दौड़ में,
जब तक आए न जिंदगी मे मोड़ नए ,
मेरी मेहनत न खाली जाएगी कभी
कामयाबी एक दिन तो झक मार के आयेगी यही

ए जिंदगी देख मेरी हिम्मत तू
दोस्त पीछे छूटने लगे
अपने मुझसे रूठने लगे
सब साथ छोड़ चले
लोगों से धोखे भी बहुत मिले
फिर भी मे आगे बढ़ता हूँ
पीछे पलट पलट के न चलता हूँ

ए जिंदगी देख मेरी हिम्मत तू
मैं बेपरवाह हुआ सबके लिए
तो सबकों मेरी परवा हो गई,
मैं महफ़िलों से गायब क्या हुआ
हर महफिल मे मेरी चर्चा हो गयी,
अब मैं खुद को खुद का कहता हूँ
अपना ख्याल खुद से रखता हूँ

ए जिंदगी देख मेरी हिम्मत तू
मैं अकेला चलने को भी हाज़िर हूँ
न नामाजी हूँ न मैं काफिर हूँ
खुद को हर मुश्किल के लिए तैयार करता हूँ
मैं जुगनुओं को अपना यार कहता हूँ
दिन में दिल से मेहनत करता हूँ
रात काली कर आँखों को लाल करता हूँ
सब रंग देख लिये अब बस
कामयाबी का रंग देखना चाहता हूँ
मैं हर दिन खुद को खुद से
बेहतर करना चाहता हूँ

ए जिंदगी देख मेरी हिम्मत तू
निहत्थे भी लड़ने को तैयार रहता हूँ
मैं कुछ ही दोस्तों को साथ रखता हूँ
वो मेरे मुश्किल वक़्त में मेरा साथ देते हैं
अपने सजदो मे मेरी खैरियत मांग लेते हैं

ए जिंदगी देख मेरी हिम्मत तू
मेरी आँखों में गुस्सा रखता हूँ
मैं अपने हक के लिए लड़ता हूँ
आवाज़ ज्यादातर नीचे ही रखता हूँ
जरूरी होने पर ही किसी से कुछ कहता हूँ

ए जिंदगी तू गिरा दे मुझे सौ बार नीचे
सौ के बाद की भी गिनती मंजूर है
क्यूँ मोड़ लूँ मैं रास्ता अपना
हारने वाला नहीं मेरा खून है

ए जिंदगी देख मेरी हिम्मत तू
बुरे वक़्त में जिसने साथ दिया है
मारते दम तक उनका शुक्रिया अदा करूंगा
जो छोड़ गया इस वक़्त में साथ मेरा
उनसे बस थोड़ी दूरी रखूँगा

ए जिंदगी देख मेरी हिम्मत तू
मैं हर फर्ज को बखूबी निभाऊंगा
हर किरदार में ढल जाऊँगा
कभी जीतूगा तो कभी हारूंगा,
मगर कोशिशे मैं अपनी जारी रखूँगा
कोशिशे हमेशा मैं जारी रखूँगा

Written by
Roy

Tuesday, July 16, 2019

वो एक मुलाकात

वो एक मुलाकात

वो एक मुलाकात बड़ी अनोखी थी,
जब पहली बार मेरी तुमसे कुछ बात हुई,

जहाँ हम थे वहा चारो ओर शोर था,
कहा था मेहफिल-ए-खाना,
और कहा बेठक का हॉल था,
बस यूँ ही इधर उधर देख घूम रहे थे दोनों,
जो था पसंद मन को वो किताबे ढूँढ रहे थे दोनों,

तुम भी अकेली थी कही
और मैं भी कहीं ओर था
इस social media के दौर में भी
हमे शायरीयों और कहानियों का शौक था

कुछ यूँ हुई शुरुआत थी
Photo खींचने की बात थी
कुछ तुमने मेरी मदद की थी
कुछ तस्वीरे मैंने तुम्हारी ली थी

दोनों का सवाल एक था,
पूछने का अंदाज़ एक था 
'क्या आप अकेले आये हैं?'
जवाब दोनों को ऐसे मिला,
तुम मेरी दोस्त बन गयी,
मैं तुम्हारा दोस्त बन गया |

घंटो साथ मे बाते हुई,
ताज़ा सभी यादे  हुई,
बात करते करते वक़्त बीत गया,
दोनों को लगी थी भूख,
तो कुछ खाने का मन किया,

तुम्हें चाय पसंद थी और मुझे पसंद थी कॉफी,
पैसे मिल कर देंगे इस बात पर हुए थे हम राज़ी,
मैं चाय लाया तुम्हारे लिए और लाया मैं खुद के लिए कॉफ़ी
लिख नंबर अपना तुमने एक पर्ची काफी के साथ मुझे थमा दी

सारी बातें साज़ा हुई,
दिन ढला और शाम हुई,
तुम्हें अपने घर जाना था,
अगले दिन न आने का इरादा था,
मैं चला तुम्हें जब छोड़ने तो
बात करेंगे ये वादा किया,
पर तुम्हें कैसे बताऊँ कि
मुझसे वो नंबर तुम्हारा कही खो गया,
मैं अपनी आदत से मजबूर
नाम भी तुम्हारा भूल गया,
वापिस कैसे बात हो तुमसे ये मैं सोचने लगा,
बाकी बाते तुम्हारी मुझे सारी याद है,
तुम डॉक्टर हो होम्योपैथिक की
तुम्हारी बातों मे छोटी छोटी गोलियों सी मिठास है |

बस इतनी ही शायद उस मुलाकात की कहानी थी,
दोनों की ही कुछ कुछ नादानी थी,
बस ये बाते दिल में रखता हूँ,
और कुछ सवाल मैं खुद को करता हूँ,
ऐ खुदा मेरे, ये भी कैसा पल भर का मिलना था,
मिलाया ही क्यूँ हमे जब इतनी जल्दी बिछड़ना था |

Written by
Roy

Tuesday, April 23, 2019

हाँ मैं समझता हूँ तुम्हारी मोहब्बत को

हाँ मैं समझता हूँ तुम्हारी मोहब्बत को

हाँ मैं समझता हूँ तुम्हारी मोहब्बत को
एक कागज़ का टुकड़ा हूँ मैं और तुम
एक बहता हुआ सा झरना हो,

हाँ मैं समझता हूँ तुम्हारी मोहब्बत को
रात की नींद उड़ा कर मेरे जवाब का इंतज़ार करती हो,
मेरे बारे मे सोचते सोचते रात को दिन और दिन को रात करती हो,

हाँ मैं समझता हूँ तुम्हारी मोहब्बत को
की खुद से पहले तुम मेरा ख्याल करती हो,
औरों की कोई परवा नहीं तुम्हें पर मेरी हर बात को
बार बार याद करती हो,

हाँ मैं समझता हूँ तुम्हारी मोहब्बत को
की तुम बस स्टैंड पर बस न आने का बहाना कर मेरा इंतजार करती हो,
मुझसे कुछ पल बात करने के लिए धूप भरी दोपहरी मे अपने बालो को सफेद और चेहरे को लाल करती हो,

हाँ मैं समझता हूँ तुम्हारी मोहब्बत को
की कैसे तुम अपने घर से जल्दी निकलने के लिए सबसे पहले उठ कर सारा काम करती हो,
वक़्त हो या न हो पर मेरे लिये वक़्त निकाल ही लेती हो,

हाँ मैं समझता हूँ तुम्हारी मोहब्बत को
घर late जाने पर अपने पापा से डांट खाती हो,
मेरे संग चलकर आए पैरो के छालो को मम्मी से छुपाती हो,
अपनें भाई को मेरे बारे मे सब अच्छा बताती हो,
अपनी बहन को हर दिन की सारी बात खुल कर बताती हो,

हाँ मैं समझता हूँ तुम्हारी मोहब्बत को
तुम्हें चॉकलेट बहूत पसंद है पर मेरे पर्स को खाली देख अपनी पसंद बदल देती हो,
चॉकलेट को छोड़ सिर्फ बंटा पी कर खुश हो जाती हो,
जब पैसे होते हैं तो फिजूल खर्च करने से रोकती हो,

हाँ मैं समझता हूँ तुम्हारी मोहब्बत को
तुम मेरे लिये औरों से लड़ती हो,
मेरे खिलाफ कुछ भी नहीं सुन सकती हो,
बाकी लड़कियों को मुझसे दूर रखती हो,
मुझे किसी के साथ बाटना नहीं चाहती हो,

हाँ मैं समझता हूँ तुम्हारी मोहब्बत को
मेरी जरूरत मे मेरे बैग मे चुपके से पैसे रख देती हो,
तुम्हारी जरूरत मे जब मैं पैसे देता हूँ तो मना करती हो,
मेरे हाथ पर घड़ी देखना अपने हाथो मे चूड़ियाँ देखने से ज्यादा पसंद करती हो,

हाँ मैं समझता हूँ तुम्हारी मोहब्बत को
की वो sandal जो मैंने तुम्हें दी थी वो तुम्हारे पैरो के लिये छोटी है पर फिर भी उसे ही पहन कर आती हो,
मेरे लिये सारी शॉपिंग खुद ही करती हो,

आज देने को सब है पर तुम नहीं हो
आज कहने को बहुत कुछ है पर तुम नहीं हो,
शायद जब हम साथ थे तब मुझे ये सब कह देना था
मुझे tie आज भी नहीं बांधनी आती
मुझे आज भी कुत्तो से डर लगता है
मगर शायद तुम जिस दुनिया मे हो
वहाँ से आ नहीं सकती और जब मैं तुम्हारी दुनिया में आऊंगा तो इन सब चीज़ों की जरूरत नहीं होगी
लगता है खुदा से फिर मांग लू तुम्हें मैं
मगर वो भी मुमकिन नहीं है

काश मैंने ये तुम्हें तब कहा होता
हाँ मैं समझता हूँ तुम्हारी मोहब्बत को
हाँ मैं समझता हूँ तुम्हारी मोहब्बत को